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​हमारे बारे में 

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हम ही क्यों 

​१३ वर्ष पूर्व मुंबई में प्रवासी चेतना की नीव रखी गई थी. जिसमे मुंबई के कई गणमान्य व्यक्तिओं की उपस्थिति थी. प्रवासी चेतना अपने  सामाजिक , साहित्यिक,सांस्कृतिक दायित्वों का निर्वहन  सफलता पूर्वक  करता आ रहा  है. इस अवसर पर माधुरी के पूर्व संपादक श्री विनोद तिवारी,राजस्थानी सेवा संघ के श्री विनोद टीबरेवाल, प्रसिद्द गायक श्री ओम व्यास, श्री पुरुषोत्तम रुइआ  जैसे अन्य गणमान्य व्यक्तिओं की उपस्थिति रही . आज पूरे देश के साथ प्रवासिओं में काफी प्रसिध्द है.

सुर्यकांत पाण्डेय

दीनदयाल मुरारका  

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एडिटर 

नरेन्द्र कुमार मौर्य 

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एडवाइजर 

प्रेमकिशोर 

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सलाहकार संपादक 

​स्व. राजेंद्र मुरारका ​​​​​​

प्रेरणाश्रोत 

स्व . श्री  पुरुषोत्तम रुइआ

​श्री विश्वनाथ चौधरी 

श्री एस . एस. गुप्ता 

डॉ  ठाकुर कुंवर सिंह 

शुभचिंतक 

ओंकार चौधरी 

दीनदयाल मुरारका  

​प्रेम नारायण अग्रवाल 

 

डिज़ाइनर 

मनोज कुमार 

​आदर्श खरे 

प्रतिनिधि 

माधवी सिंह 

गोविन्द मुरारका 

​अनूभूतियां  दिल से ...

भारतीय संस्कार और संस्कृति को समर्पित पत्रिका हमें अपने जड़ों से जोड़े हुए है . 

मधु जायसवाल , न्यूयार्क 

मुझे ख़ुशी है की मुझे अपनी रचनाओं को एक स्थान मिला. पहली बार मेरी रचना प्रवासी चेतना में ही प्रकाशित हुई थी. धन्यवाद् .

प्रमोद शर्मा, मुंबई 

मेरी रचनाओं को निखारने के लिए बहुत बहुत सहयोग है प्रवासी चेतना का. हमें प्रोत्साहन मिला आगे बढ़ने का. 

शशि राठौर , मुंबई 

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अल्बर्ट आइन्स्टीन 

साहित्य समाजहम भारतीयों के आभारी है,
जिन्होने हमें गिनना सिखाया
जिसके बिना किसी भी तरह की
वैज्ञानिक खोज सम्भव ही नहीं थी.

© 2023 by Prawasi Chetana 

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