
मन की बात : मोदी 2.0

न्यू इंडिया समाचार
4 मार्च 2023
जन-भागीदारी’, ‘सबका प्रयास’, ‘देश के प्रति अपने-अपने कर्तव्यों को निभाने’ से गणतंत्र होता है मजबूत
जन-भागीदारी’, ‘सबका प्रयास’, ‘देश के प्रति अपने-अपने कर्तव्यों को निभाने’ से गणतंत्र होता है मजबूत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2014 से ही लगातार देशवासियों से मन की बात करते आ रहे हैं। 29 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2023 की पहली ‘मन की बात’ के 97वें एपिसोड में कहा कि आप सभी के साथ एक बार फिर बातचीत कर मुझे बहुत खुशी हो रही है। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने क्लाइमेट चेंज, बायो-डायवर्सिटी, वेटलैंड्स, कश्मीर और आदिवासियों के मुद्दों पर बात की और कहा कि हमारी रगों में लोकतंत्र है और भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। इस बार जनजातीय समुदाय और उनके जीवन से जुड़े कई महानुभावों को पद्म पुरस्कार मिले हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें यह पुरस्कार मिलना राष्ट्र के लिए गर्व की बात है। पेश है मन की बात के अंश...
गणतंत्र दिवस समारोह की प्रशंसा : इस बार भी गणतंत्र दिवस समारोह के अनेक पहलुओं की काफी प्रशंसा हो रही है। जैसलमेर से पुल्कित ने मुझे लिखा है कि 26 जनवरी की परेड के दौरान कर्तव्य पथ का निर्माण करने वाले श्रमिकों को देखकर बहुत अच्छा लगा। कानपुर से जया ने लिखा है कि उन्हें परेड में शामिल झांकियों में भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को देखकर आनंद आया। सीआरपीएफ की महिला टुकड़ी की भी काफी सराहना हो रही है।
लोकतंत्र हमारी रगों में : लोकतंत्र हमारी रगों में है, हमारी संस्कृति में है - सदियों से यह हमारे कामकाज का भी एक अभिन्न हिस्सा रहा है। स्वभाव से हम एक डेमोक्रेटिक सोसायटी हैं। डॉ. अंबेडकर ने बौद्ध भिक्षु संघ की तुलना भारतीय संसद से की थी। उन्होंने उसे एक ऐसी संस्था बताया था, जहां मोशन्स, रिजॉल्यूशन्स, कोरम, वोटिंग और वोटों की गिनती के लिए कई नियम थे।
योग दिवस और मोटे अनाज : योग दिवस और हमारे विभिन्न तरह के मोटे अनाजों - मिलेट्स में काफी कुछ कॉमन है। जिस तरह लोगों ने व्यापक स्तर पर सक्रिय भागीदारी करके योग और फिटनेस को अपने जीवन का हिस्सा बनाया है उसी तरह मिलेट्स को भी लोग बड़े पैमाने पर अपना रहे हैं। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जाएं तो मिलेट्स कैफे जरूर जाएं।
मिलेट्स से बने पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन : आज हिंदुस्तान के कोने-कोने में G-20 समिट लगातार चल रही है और मुझे खुशी है कि देश के हर कोने में, जहां भी G-20 समिट हो रही है, मिलेट्स से बने पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन उसमें शामिल होते हैं। देश का यह प्रयास और दुनिया में बढ़ने वाली मिलेट्स की डिमांड, हमारे छोटे किसानों को ताकत देने वाली है।
भारत की रैंकिंग में सुधार : आज पेटेंट फाइलिंग में भारत की रैंकिंग 7वीं और ट्रेडमार्क में 5वीं है। सिर्फ पेटेंट की बात करें तो पिछले पांच वर्षों में इसमें करीब 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भी भारत की रैंकिंग में जबरदस्त सुधार हुआ है और अब वो 40वें पर आ गई है। जबकि 2015 में भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 80 नंबर के भी पीछे था।
‘कचरे से कंचन’ : संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि हर साल 50 मिलियन टन ई-वेस्ट फेंका जा रहा है। E-Waste का सदुपयोग करना, ‘कचरे को कंचन’ बनाने से कम नहीं है।
खेलों को लेकर बढ़ रहा उत्साह : कश्मीर के युवाओं में खेलों को लेकर बहुत उत्साह बढ़ रहा है। आने वाले समय में इनमें से कई युवा देश के लिए मेडल जीतेंगे, तिरंगा लहरायेंगे।
निरंतर चलते रहने चाहिए प्रयास : गणतंत्र को मजबूत करने के हमारे प्रयास निरंतर चलते रहने चाहिए। गणतंत्र मजबूत होता है ‘जन-भागीदारी से’, ‘सबका प्रयास से’, ‘देश के प्रति अपने-अपने कर्तव्यों को निभाने से’ और मुझे संतोष है कि हमारा ‘मन की बात’ ऐसे कर्तव्यनिष्ठ सेनानियों की बुलंद आवाज है।