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अमृत काल का पहला आम बजट

नारायन

27 फ़र॰ 2023

‘सप्तर्षि’ से स्वर्णिम भारत की यात्रा...





21वीं सदी के नए दशक का तीसरा और अमृत काल का पहला आम बजट विकसित भारत के विराट संकल्प को पूरा करने के लक्ष्य की दिशा में अग्रसर है। जिसका लक्ष्य- समग्र व दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ बीते नौ वर्षों में तैयार की गई नींव को मजबूती देते हुए अब ‘सप्तर्षि’ यानी सात प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ना है। अमृत काल का रोडमैप दर्शाता यह विकासवादी बजट है, जिसका लक्ष्य है- वंचितों को मिले वरीयता, मध्यम वर्ग को सहजता, आकांक्षी समाज के सभी वर्गों- गांव-गरीब, किसान, कारीगर, युवा, महिला, बुजुर्ग और उद्यमियों के विकास के सपनों को मिले नई उड़ान... ताकि चरणबद्ध तरीके से अगले 25 वर्षों की विकास की यात्रा में बना रहे प्रवाह और स्वतंत्रता के स्वर्णिम वर्ष में ‘सबका प्रयास’ व ‘जनभागीदारी’ की भावना से आत्मनिर्भर भारत की नींव पर हो आधुनिक नए भारत का निर्माण…...


अमृतकाल का यह पहला बजट विकसित भारत के विराट संकल्प को पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण करेगा। यह बजट वंचितों को वरीयता देता है। यह बजट आज के आकांक्षी समाज-गांव, गरीब, किसान, मध्यम वर्ग, सभी के सपनों को पूरा करेगा। आइए अब नया बजट आपके सामने है, नए संकल्पों को लेकर चल पड़ें। 2047 में समृद्ध भारत, समर्थ भारत, हर प्रकार से संपन्न भारत हम बनाकर रहेंगे। आइए इस यात्रा को हम आगे बढ़ाएं।

– नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री


अक्सर यह कम ही देखने को मिलता है कि एक ही आम बजट में सभी वर्ग स्वयं को सशक्त महसूस करे। लेकिन स्वर्णिम भारत के संकल्प के साथ पेश किया गया अमृत काल का पहला आम बजट मध्यम वर्ग, गांव, गरीब, किसान, महिला, युवा, उद्यमियों में एक नए उत्साह का दस्तावेज बन गया है। ‘राष्ट्र प्रथम’ की सोच के साथ साहसिक निर्णय लेने और उसे साकार करने में जुट जाने की जिद ही किसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के विकास की नींव होती है। नए भारत के आम बजट में इसकी झलक लगातार दिख रही है। राष्ट्र का विकास सर्वांगीण, सर्वस्पर्शी और समावेशी हो, इस दृष्टिकोण के साथ बीते नौ वर्षों में केंद्र सरकार ने जिस तरह से विकास की गाथा लिखी है, वही अब 2047 के स्वर्णिम भारत के लिए संजोए गए सपनों की आधारशिला बन गई है। आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के बाद शुरू हुए अमृत काल में भारत को फिर से सोने की चिड़िया और आत्मनिर्भर भारत बनाने के उद्देश्य से विकास के लिए विश्वास से भरा 2023-24 का आम बजट बीते वर्षों में पेश किए गए बजट की ही निरंतरता है, जिसका लक्ष्य तत्कालीन आवश्यकताओं को पूरा करते हुए अगले 25 वर्ष के स्वर्णिम भारत के सपने को साकार करना है।

अगर अमृत काल के पहले आम बजट को चंद शब्दों में समझने की कोशिश करें तो यह एक लोक-कल्याणकारी और देश के विकास के प्रति समर्पित दूरदर्शी बजट है। यह गांव, गरीबों, किसानों, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, शोषितों, वंचितों, दिव्यांगजनों, आर्थिक रूप से पिछड़े तथा मध्यम वर्ग के लोगों को सशक्त और सक्षम बनाने वाला बजट है। यह ग्राम विकास, कृषि विकास, श्रमिक कल्याण, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर सहित पूरे देश के समग्र विकास को समर्पित बजट है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के नागरिकों को सामाजिक न्याय, समानता, सम्मान और समान अवसर उपलब्ध कराने वाला बजट है। यह बच्चों की पढ़ाई, मध्यम वर्ग की कमाई, बुजुर्गों की भलाई और नारी शक्ति को समर्पित बजट है।

आम बजट- 2023-24 का आकार बढ़कर 45 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो गया है जो यह दर्शाता है कि कोविड काल में भी भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। कोविड संकट और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण उपजे वैश्विक संकट के बावजूद देश के बजट का आकार बढ़ाकर 45 लाख करोड़ रुपये करना भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को दर्शाता है। इस बजट ने समग्रता के साथ देश के लिए अगले 25 साल के विकास के ब्लू प्रिंट के विभिन्न आयामों पर जोर दिया है। जिसका लक्ष्य है- नागरिकों के लिए बड़े अवसर उपलब्ध कराना, विकास और रोजगार सृजन को मजबूत प्रोत्साहन प्रदान करना और व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करना। इस बजट की 7 अर्थात् सप्तर्षि  प्राथमिकताएं हैं - समावेशी विकास, अंत्योदय यानी अंतिम छोर तक पहुंच सुनिश्चित करना, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उभारना, हरित विकास, युवा और वित्तीय क्षेत्र की मजबूती। यह केवल वर्ष 2023-24 के डेवलपमेंट का वित्तीय दस्तावेज भर नहीं है, बल्कि देश के लिए विकसित अर्थव्यवस्था की बुनियाद रखने वाला ब्लू प्रिंट है।

मध्यम वर्ग के साथ जन-जन के मन की बात

बीते नौ वर्षों में जिस तरह गरीबों को सशक्त करने की पहल हुई है, उससे गरीबी कम हुई है और मध्यम वर्ग का आकार बढ़ा है। ऐसे में बढ़ते भारत में मध्यम वर्ग को विकास का सारथी बनाते हुए उनकी आकांक्षाओं को इस बजट में विशेष ध्यान रखा गया है। बहुत तेजी से बदलते भारत में मध्यम वर्ग, विकास हो या व्यवस्था हो, साहस हो या संकल्प लेने का सामर्थ्य, जीवन के हर क्षेत्र में आज भारत का मध्यम वर्ग एक प्रमुख धारा बना हुआ है। समृद्ध और विकसित भारत के सपनों को पूरा करने के लिए मध्यम वर्ग एक बहुत बड़ी ताकत है। जैसे भारत की युवा शक्ति भारत का विशेष सामर्थ्य है, वैसे ही बढ़ते हुए भारत में मध्यम वर्ग भी एक बहुत बड़ी शक्ति है। मध्यम वर्ग को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने बीते वर्षों में अनेकों निर्णय लिए और ईज ऑफ लिविंग को सुनिश्चित किया। आम बजट ने मध्यम वर्ग के नौकरीपेशा लोगों को ऐतिहासिक उपहार दिया है। अब नौकरी पेशा लोगों को 7 लाख रुपये सालाना की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। साथ ही, टैक्स स्लैब को भी घटा कर 5 तक सीमित कर दिया गया है। पिछड़े आदिवासी समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएम पीबीटीजी विकास मिशन शुरू किये जाने का निर्णय केंद्र सरकार की जनजातीय विकास के प्रति गंभीरता को दिखाता है। इस योजना के लिए लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का कोष बनाया गया है जिससे पीबीटीजी बस्तियों में बुनियादी सुविधाएं दी जाएंगी।

पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋ ण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया गया है। अगले 3 साल तक 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती में मदद की जाएगी। इसके लिए 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर्स बनाए जाएंगे। इतना ही नहीं, बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय, युवाओं के सपनों को उड़ान और सक्षमता को बढ़ावा देने के लिए पीएम कौशल विकास योजना 4.0 की घोषणा की गई है। इसके तहत देश भर में 40 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्थापित किये जायेंगे जो युवाओं के कौशल में और निखार लाएगा और उन्हें आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करेगा। पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान यानि पीएम विकास, करोड़ों विश्वकर्माओं के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लायेगा। यह बजट, सहकारिता को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास की धुरी बनाएगा। सरकार ने को-ऑपरेटिव सेक्टर में दुनिया की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना बनाई है और बजट में नए प्राइमरी को-ऑपरेटिव बनाने की एक महत्वाकांक्षी योजना का भी ऐलान हुआ है। इससे खेती के साथ-साथ दूध और मछली उत्पादन के क्षेत्र का विस्तार होगा, किसानों, पशुपालकों और मछुआरों को अपने उत्पाद की बेहतर कीमत मिलेगी।

महिला सम्मान विकास पत्र की एक नई घोषणा से महिलाओं को विशेष सम्मान दिया गया है। इसमें महिलाओं को अब 2 लाख रुपए की बचत पर सालाना 7.5% ब्याज मिलेगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैंक के बचत खाते में रखी जाने वाली रकम की सीमा को भी 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रुपये करने का निर्णय भी एक अच्छी पहल है। साथ ही, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की सीमा को भी 15 लाख से बढ़ा कर 30 लाख रुपये कर दिया गया है। यह योजनाएं महिला सशक्तिकरण और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण है।

हरित विकास के साथ आईटी-तकनीक पर जोर

दुनिया अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष मना रही है। ऐसे में आम बजट में इस पर विशेष जोर देते हुए भारत के मोटे अनाज के प्रकारों को ‘श्री-अन्न’ के रूप में नई पहचान दी है और इसके प्रोत्साहन के लिए भी अनेक योजनाएं बनाई गई हैं। इस बजट से छोटे किसानों को लाभ होगा। साथ ही, कृषि को आधुनिकता से जोड़ते हुए प्रौद्योगिकी के जरिये कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है ताकि किसानों को दीर्घकाल तक व्यापक लाभ मिले। वर्ष 2023-24 का आम बजट हरित विकास के लक्ष्य का आधार है। नेशनल हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,700 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है। सरकार ने 2030 तक 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रखा है। एनर्जी ट्रांजिशन के लिए 35,000 करोड़ रुपये का फंड दिया गया है। पूंजी निवेश को 33% बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया जा रहा है जो 2019-20 की तुलना में लगभग 33 प्रतिशत अधिक है। 2014 की तुलना में इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश पर 400 परसेंट से ज्यादा की वृद्धि की गई है। इस बार इंफ्रास्ट्रक्चर पर दस लाख करोड़ रुपये का अभूतपूर्व निवेश, भारत के विकास को नई ऊर्जा और तेज गति देगा। इससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और एक बहुत बड़ी आबादी को आय के नए अवसर उपलब्ध कराएगा।

इस बजट में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ उद्योगों के लिए क्रेडिट सपोर्ट और रिफॉर्म के अभियान को आगे बढ़ाया गया है। एमएसएमई के लिए 2 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त ऋ ण की गारंटी की व्यवस्था की गई है। राज्यों को मिलने वाले इंटरेस्ट-फ्री लोन को भी एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। रीजनल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए 50 नए एयरपोर्ट, हेलिपैड, वाटर एरो ड्रोन, एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड्स का विकास किया जाएगा। सरकार शहरी बुनियादी ढांचा विकास कोष के लिए हर साल 10,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूती देगी। एमएसएमई को 9 हजार करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी दी जाएगी। इससे उन्हें दो लाख करोड़ रुपये का एक्स्ट्रा कोलेटरल फ्री क्रेडिट भी मिल सकेगा। यह घरेलू अर्थव्यस्था को एक नई मजबूती देगी और इससे रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। देश में 50 पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा। निश्चित रूप से अमृत काल का पहला आम बजट आजादी के 100वें वर्ष में नए भारत की परिकल्पना को साकार करने वाला बजट है। यह बजट विकसित भारत के विराट संकल्प को पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण करेगा। यह बजट वंचितों को वरीयता देता है। यह बजट आज की आकांक्षी समाज- गांव, गरीब, किसान, मध्यम वर्ग, सभी के सपनों को पूरा करेगा क्योंकि इसमें सभी वर्ग के विकास की रूपरेखा है जो यह दर्शाती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था सही मार्ग पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है।

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अल्बर्ट आइन्स्टीन 

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