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महिला दिवस : श्रद्धा कौशिक

मुंबई

8 मार्च 2023

मेरे लिए इसके मायने?
कुछ भी नही।


मेरे लिए इसके मायने?

कुछ भी नही।

ये एक आम दिवस है

फर्क सिर्फ इतना है कि

दुनियां मेरे चेहरे पर

लंबे चौड़े भाषण एवम

२५% छूट के नारे लगा रही हैं।

इस छूट के नीचे

दबा देना चाहती है

अपने भेदभाव, पितृ सत्ता और

महिलाओं के खिलाफ द्वेष

जिससे मैं रोजाना

जूझती हूँ

तो बस अब नही!

वास्तव में मुझे इस दिन का

जश्न नहीं मनाना

तब तक नही जब तक हम

महिलाओं की ओर

सिर्फ पुरुषों का ही नही

महिलाओं का भी नज़रिया

बदल नही देते

और फिर भी शायद मेरी ही तरह

जूझती कई महिलाएं

इसका जश्न ना मनाए

हम तिरछी नज़रों से देख कर

अपनी जिंदगी के साथ

आगे बढ़ जाए

क्योंकि चाहते क्या है आप

कि आपको सदियों बाद

आपकी सोच बदलने के लिए

इनाम दिया जाए?

तो ये लीजिए मेरा नमस्ते 🙏


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अल्बर्ट आइन्स्टीन 

साहित्य समाजहम भारतीयों के आभारी है,
जिन्होने हमें गिनना सिखाया
जिसके बिना किसी भी तरह की
वैज्ञानिक खोज सम्भव ही नहीं थी.

© 2023 by Prawasi Chetana 

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