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आदिगुरु शंकराचार्य

सचिन पारीक

1 मार्च 2023

नमस्ते नमस्ते हे वेदांत निर्झर।
नमस्ते नमस्ते शिखर
साधना के,


नमस्ते नमस्ते

हे तापस भयंकर,

नमस्ते नमस्ते हे वेदांत निर्झर।

नमस्ते नमस्ते शिखर

साधना के,

नमस्ते नमस्ते प्रभो आदिशंकर।।

नमन आर्यमाँ को, नमन शिवगुरु को,

नमन कालडी की धरा पुण्यभू को।

कृपा विश्व पर की दिया ज्ञानसागर,

नमस्ते नमस्ते प्रभो आदिशंकर।।

प्रभो धर्ममूर्ति हे मातानुरागी,

हे स्वामी बनें तेरे पंथानुगामी।

शरण माँ की ले आये पूर्णा बहाकर,

नमस्ते नमस्ते प्रभो आदिशंकर।।

शरण तेरी आये महायोगी ज्ञानी,

किये दर्प से हीन ज्ञानाभिमानी।

किया चार धामों का उद्धार प्रभुवर,

नमस्ते नमस्ते प्रभो आदिशंकर।।

किया ज्ञान लौ से उजाला जगत में,

मिटाया जगत-ब्रह्म का द्वंद्व मन से।

हे कमलापतिप्रिय, महाशैव शंकर,

नमस्ते नमस्ते प्रभो आदिशंकर।।

किया मुक्त धरती को अज्ञान तम से,

बचाया भरत भू को तूने अधम से।

दो शक्ति डिगें ना, डटें धर्म पथ पर,

नमस्ते नमस्ते प्रभो आदिशंकर।।

तेरे ज्ञान का अंश जो दास पाए,

तो इहलोक परलोक से पार पाए।

शरण तेरी आया ये चरणानुकिंकर,

नमस्ते नमस्ते प्रभो आदिशंकर।।

सचिन पारीक लक्ष्मणगढ़ ( सीकर )

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अल्बर्ट आइन्स्टीन 

साहित्य समाजहम भारतीयों के आभारी है,
जिन्होने हमें गिनना सिखाया
जिसके बिना किसी भी तरह की
वैज्ञानिक खोज सम्भव ही नहीं थी.

© 2023 by Prawasi Chetana 

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